सब्ज़ियों से बीमारियों का इलाज

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सब्ज़ियों से  बीमारियों का इलाज

पदार्थ फायदे
पोदीना
  • खाना हज़म करता है।
  • डकार लाता है।
  • मेद्दे को ताकत बख़्शता है।
  • पेट के कीड़ों को मारता है।
  • मर्दाना ताकत को बढ़ाता है।
  • अधिक दूध पैदा करता है।
  • मसाना की पथरी के लिए मुफीद है।
  • नहार मुंह खाना बगल गन्द के लिए लाभदायक है।
दूध
  • मर्दाना ताकत को बढ़ाता है।
  • बदन की खुश्की दूर करता है।
  • जल्द हज़म होकर गिज़ा की जगह ले लेता है।
  • मनी पैदा करता है।
  • चेहरे का रंग सुर्ख करता है।
  • दिमाग को ताकत प्रदान करता है।
शहद
  • बलगम दूर करता है।
  • मेदा साफ करता है।
  • दिमाग को ताकत बख्शता है।
  • मर्दाना ताकत पैदा करता है।
तिल
  • हलक़ की ख़राश को दूर करता है।
  • आवाज़ को साफ करता है।
  • रगों को मुलायम करता है।
पानी
  • बुखार को ठंढा करता है।
  • खाना हज़म करने में मदद करता है।

ये कुछ चीजें थीं जिनका उपयोग करके आप अपना और अपने घर वालों का खयाल रख सकते हैं।

चलिए जानते है सब्जियों से किस तरह बीमारियों का इलाज किया जाता है ।पहले के वक्त में लोग इन्ही से इलाज किया करते थे। चलिए फिर सुरू करते है।

इलाज - जामे कबीर में अबू उमामा से रिवायत है कि नबी सल्ल० ने फ्रमाया है कि अपने दस्तरख़्वान को सब्ज़ चीज़ों से जीनत दिया करो। इसलिए कि सब्ज़ चीजें अल्लाह के नाम की बरकत से शैतान को दूर रखती हैं।








पोदीना खाने  के फायदे।

उलमा ने लिखा है कि सब्ज़ चीज़ से लहसुन, प्याज, मूली, बदबूदार चीजें मुराद नहीं हैं क्योंकि नबी सल्ल० इन चीज़ों को नापसन्द फ़रमाते थे। बल्कि सब्ज़ चीज़ से मुराद पोदीना और साग आदि चीजें हैं। पोदीना से खाना हज़म होता है। डकार लाता है रियाह (गैस) को मेद्दे से बाहर निकालता है। मेद्दे को ताकत बख़्शता है और गलीज़ (गन्दे) खून को पतला करता है। पेट के कीड़ों को मारता है। मर्दाना ताकत को बढ़ाता है और इससे पेशाब भी खुल कर आता है। यदि इन चीज़ों को औरत खाए तो अधिक दूध पैदा करता है। मसाना की पथरी के लिए मुफीद है और मनी पैदा करता है। और बाह में इज़ाफा व तेज़ी पैदा करता है। नहार मुंह खाना बगल गन्द के लिए लाभदायक है। इसका बीज अंडे की ज़र्दी के साथ खाना मर्दाना ताकत को बढ़ाने जैसा है और इसका लेप छीप के लिए फायदेमन्द है।


दूध से जिस्मानी ताकत हासिल करना

दूध पीने के फायदे।

इलाज - अबू नईम ने हज़रत इब्ने अब्बास रजि० से रिवायत की है कि पीने की चीज़ों में नबी सल्ल० के निकट दूध बहुत प्रिय था।




उलमा ने लिखा है कि इसमें यह हिकमत है कि दूध मर्दाना ताकत को बढ़ाता है। बदन की खुश्की दूर करता है और जल्द हज़म होकर गिज़ा की जगह ले लेता है। मनी पैदा करता है। चेहरे का रंग सुर्ख करता है और गन्दे माद्दों को बाहर निकालता है। दिमाग को ताकत प्रदान करता है, तबीयत में नर्मी और दिमाग में तेज़ी पैदा करता है। दूध को अगर चारों मग़ज़ के साथ इस्तेमाल किया जाए तो जिस्म को मोटा-ताज़ा व ताकतवर बना देता है। मगर इस प्रकार ज़्यादा इस्तेमाल करने से आंखों में गुबार और हमेशा दूध पीने से मेदे में कमज़ोरी पैदा होती है और जोड़ों में दर्द की शिकायत हो जाती है।


शहद की ख़ासियतें व हर रोग से शिफा

शहद खाने के फायदे।



इलाज - अबू नईम ने हज़रत आइशा रजि० से रिवायत की है कि नबी सल्ल० के निकट शहद बहुत प्यारा और पसन्दीदा था।नबी सल्ल० को शहद इसलिए अधिक प्यारा था कि अल्लाह तआला ने फरमाया है इसमें शिफा है और हुक्मा ने शहद के बेशुमार फायदे लिखे हैं। जैसे नहार मूह इसे चाटने से बलगम दूरहोता है। मेदा साफ हो जाता है और गन्दगी को दूर करता है। सुद्दे खोलता है मेदे को सन्तुलित करता है। दिमाग को ताकत बख्शता है और हरारत गरीज़ी को ताकत देता है। खराब रतूबत दूर करता है। सिरके के साथ इस्तेमाल करने से सुनावी मिज़ाज वालों के लिए फायदेमन्द है। मर्दाना ताकत पैदा करता है। मसाना के लिए फायदेमन्द है और मसाने की पथरी को दूर करता है और पेशाब बन्द होने को खोलता है। फालिज लक्वा के लिए मुफीद है। गैस बाहर निकालता है और भूख अधिक लगाता है और कुछ उलमा ने लिखा है कि शहद और दूध हज़ारों बूटियों का अर्क है। यदि सारी दुनिया के हुक्मा जमा होकर ऐसे अर्क तैयार करना चाहें तो कभी नहीं बना सकते। यह केवल अल्लाह तआला की ही शान है कि अपने बन्दों के लिए इतनी अच्छी-अच्छी चीजें पैदा की हैं।(इस हदीस से पता चला कि खुदा का जिक्र और समाज दीन व दुनिया के लिए मुफीद है।)

तिल की ख़ासियतें और रोगों का इलाज

तिल खाने के फायदे ।

इलाज - अबू नईम ने हज़रत अनस बिन मालिक रजि० से रियायत की है कि हज़रत साद बिन मुआज रजि० ने नबी काल्ल० के सामने तिल और खजूर पेश की। आप सल्ल० ने खा लो और उनके लिए दुआ फरमाई

उलमा ने लिखा है कि इसमें यह हिक्मत है कि खजूर से सौदावी माद्दे पैदा होते हैं और तिल सौदा को ख़त्म करता है। खजूर सुद्दे पैदा करती है और तिल से खुल जाते हैं। इसलिए नबी सल्ल० ने दोनों को मिलाकर खाया कि ग़िज़ा ठीक हो जाए।

तिलों की बाकी ख़ासियतें इस प्रकार हैं। हलक़ की ख़राश को दूर करता है। आवाज़ को साफ करता है। रगों को मुलायम करता है। तिलों का शीरा मिसरी के साथ खाने से मेदा की जलन दूर हो जाती है।


पानी से बुखार का इलाज 🥤

इलाज - साहिबे सरुस्सआंदा लिखते हैं कि बुखार जहन्नम की लपट है इसलिए इसे पानी से ठंढा करो। एक और हदीस में है कि जब किसी को बुख़ार आए तो उस पर तीन दिन तक सुबह के समय पानी डाला जाए। इमाम अहमद बिन हम्बल ने अपनी

इलाज - अबू नईम ने किताबुत्तिब्ब में हज़रत अबु हुरैरः रजि० से रिवायत की है कि मैं पेट के दर्द की वजह से मस्जिद में लेटा हुआ था कि नबी सल्ल० तशरीफ लाए और पूछा कि क्या तुम बीमार हो? मैंने कहा-हां ऐ अल्लाह के रसूल ! आपने फ्रमाया-उठकर खड़ा हो और नमाज़ पढ़। क्योंकि नमाज़ में शिफा है। कुछ रिवायतों में हज़रत आइशा रजि० से मन्कूल है कि अल्लाह के जिक्र और नमाज़ से खाना हज़म किया करो और खाना खाते ही न सो जाया करो। इससे तुम्हारे दिल जंग आलूद हों जायेंगे

ये कुछ चीजे थी जिनका उपयोग करके आप अपना और अपने घर बालों का खयाल रख सकते है और इन चीजों से फायदा हासिल भी कर सकते है। हमारी इस पोस्ट को लाइक और शेयर भी जरूर करे।


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