बच्चों के कानों में अज़ान व तकबीर के फायदे
पदार्थ/इलाज | फायदे |
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अज़ान और तकबीर |
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खजूर चबाकर डालना |
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बच्चों का नाम रखना |
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बुरी नज़र से हिफाज़त का तावीज़ |
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खाने के समय शैतान से हिफाज़त |
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नमक खाने के फायदे |
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रोगी के साथ खाना |
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खाने में बरकत हासिल करना |
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बदहज़मी का इलाज |
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इन उपायों का पालन करके आप बच्चों की सेहत और भलाई सुनिश्चित कर सकते हैं।
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बच्चों के कानों में अज़ान व तकबीर के फायदे |
इलाज - जब बच्चा पैदा हो तो उसके दाएं कान में आजार और बाएं कान में तकबीर कहनी चाहिए। इसकी बरकत यह है कि बच्चा उम्मुस्सुबियान से महफूज़ रहेगा।
खजूर चबाकर बच्चे के मुंह में डालना
इलाज - बच्चे के पैदा होने के बाद थोड़ी-सी खजूर चबाका उसके मुंह में डालनी चाहिए और बच्चे के लिए दुआ भी करनी चाहिए। कुछ उलमा का विचार है कि इस इलाज से बच्चा खुश अख्लाक और सूझ-बूझ वाला होता है।
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खजूर चबाकर बच्चे के मुंह में डालना |
बच्चों का नाम सातवें दिन रखना
इलाज - हदीस शरीफ में आया है कि जब बच्चा पैदा होतो सातवें दिन उसका नाम रखा जाना चाहिए। नाम अच्छा और पसन्दीदा होना चाहिए क्योंकि नबी करीम सल्ल० ने फरमाया है कि अपने बच्चों के अच्छे नाम रखो। बुरा नाम बच्चे के लिए बदशगुनी है। अच्छा नाम ऐसा होना चाहिए जैसे अब्दुल्लाह अब्दुर्रहमान और चाहिए कि बच्चे के बाल मुंडवाकर उनके बराबर चांदी तौल कर सदक़ा कर देना चाहिए या फिर एक-दो बकरे जबह करके सदका करें। इस अमल की बरकत से बच्चा हर प्रकार की बला व आफ्त से महफूज रहेगा।
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बच्चों का नाम सातवें दिन रखना |
बुरी नज़र से हिफाज़त का तावीज़
इलाज - यदि किसी बच्चे को बुरी नज़र लग जाए तो यह तावीज लिखकर उसके गले में डाल देना चाहिए तावीज यह है :
अऊजु बिकलिमातिल्लाहित्ताम्म-ति व मिन कुल्लि ऐनिल लाम्मः "पनाह चाहता हूं अल्लाह के नाम के ज़रिए शैतान मर्दूद और हर बुरी नज़र से।"
फायदा - लड़कों को बुरी नज़र लगने के लिए यह तावीज बड़ा ही मुजर्रब है। हदीस शरीफ में आया है कि नबी सल्ल० ने फरमाया है कि अपने बच्चे को बेवकूफ व बदकार औरतों से दूध न पिलाया करो क्योंकि दूध का असर बच्चे के शरीर और उसके अखलाक पर पड़ता है।
खाने के समय शैतान से हिफाज़त
इलाज - जो आदमी यह चाहे कि खाने के समय शैतान से व उसकी शरारतों से बचा रहे तो उसे चाहिए कि बिस्मिल्लाह से खाना शुरू करे और खाना दाएं हाथ से ही पकड़े और दाएं हाथ से ही खाए। इसलिए कि शैतान बाएं हाथ से खाता-पीता है जिस खाने पर अल्लाह का नाम नहीं लिया जाता वह खाना शैतान के लिए हलाल हो जाता है। यह रिवायत हजरत अबु हुरैरः रजि० की ब्यान की हुई है।
नमक खाने के फायदे
इलाज - साहिब जामे कबीर ने हज़रत अली रजि० से रिवायत नकल की है कि नवी करीम सल्ल० ने इर्शाद फरमाया कि ऐ अली! खाना नमक के साथ शुरू करना चाहिए इसलिए कि सत्तर रोगों और बीमारियों से नमक में शिफा रखी गई है और उनमें से कुछ यह है जुनून, कोढ़, पेट का दर्द, दांत दर्द आदि।
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नमक खाने के फायदे |
रोगी के साथ खाना
इलाज- इत्तिफाक से यदि कभी किसी रोगी के साथ किसी आदमी को खाना खाने का अवसर आ जाए तो उसे खाने से पहले यह दुआ पढ़ लेनी चाहिए।
बिस्मिल्लाह सिक्क-तन बिल्लाहि व-त-वक्कलन अलैह० "अल्लाह के नाम से और उसी पर भरोसा करके खाता हूं।" इस दुआ की बरकत से वह उस रोग से बचा रहेगा।खाने के समय की कुछ दुआएं खाना खाने के बाद यह दुआ पढ़ी जाए :
अल्ला हुम्मम बारिक लना फीहि व अतअमन खैरम्मिन्ह०
"ऐ अल्लाह! हमारे लिए इसमें बरकत दे और इससे बेहतर प्रदान फरमा।"इसी तरह जब अच्छी तरह पेट भर कर खाए और दूध पीये तो यह दुआ पढ़ी जाए :
अल्लाहुम्मा बारिक फीहि व जिदना फीह०
"ऐ अल्लाह! इसमें बरकत दे और यह हमें अधिक प्रदान कर।"
खाने में बरकत हासिल करना
इलाज - फकीह अबुल्लैस ने हज़रत हसन रजि० से रिवायत नकल की है कि नबी सल्ल० ने इर्शाद फ़रमाया कि खाने के बीच में से न खाया करो क्योंकि बीच में बरकत नाज़िल होती है। इस ने हदीस को हज़रत सईद बिन जुबैर रजि० ने हज़रत इब्ने अब्बास रजि० से और उन्होंने नबी करीम सल्ल० से रिवायत किया है।
बदहज़मी का मुजर्रब इलाज
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बदहज़मी का मुजर्रब इलाज |
इलाज कादरी में लिखा है कि तकिया लगाकर खाना खाने से बदहजमी हो जाती है। और बुस्तान में लिखा है कि खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोने से बरकत होती है। नवी करीम सल्ल० का इर्शाद है कि मैं तकिया लगा कर खाना नहीं खाता क्योंकि तकिया लगाकर और खड़े होकर और सवारी पर बैठ कर खाना खाने से बदहजमी हो जाती है। इसके खिलाफ अमल करने से खाना जल्द हजम हो जाता है और घमंड भी जाता रहता है।
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